First published at 10:31 UTC on October 4th, 2020.
वैज्ञानिकों, मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट्स और जेनेटिसिस्ट्स ने समझाया है कि जिस जंक डीएनए को मेंस्ट्रीम साइंस द्वारा अनुपयोगी ठहराया जाता है, वह वाकई ऑफ-वर्ल्ड ओरिजिन वाला डीएनए है।
इन फैक्ट, सबूतों से साफ पता चलता है कि ये जंक डीएनए, जिसे गलत नाम दिय…
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वैज्ञानिकों, मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट्स और जेनेटिसिस्ट्स ने समझाया है कि जिस जंक डीएनए को मेंस्ट्रीम साइंस द्वारा अनुपयोगी ठहराया जाता है, वह वाकई ऑफ-वर्ल्ड ओरिजिन वाला डीएनए है।
इन फैक्ट, सबूतों से साफ पता चलता है कि ये जंक डीएनए, जिसे गलत नाम दिया गया है, इनकोडेड बुक ऑफ लाइफ भी कैरी करता है, जिसे थ्रेड ऑफ लाइफ भी कहा जाता है, जो एक एनसाइक्लोपीडिया की तरह है। यह इस बात को साबित करता है कि हमारे जीनोम में कुछ भी वेस्टेड (व्यर्थ) नहीं है।
बायोमेडिकल रिसर्चर्स ने पाया की ज्यादातर जिसे जंक डीएनए कहा जाता है, वह वाकई में उपयोगी और जरूरी इंफॉर्मेशन है। इसी में मल्टीडाइमेंशनल बींग्स ने ह्यूमन जेनेटिक्स में लाइट के कंपलेक्स कोड डाले थे, और यह हमारे सेल्स, ऑर्गन्स और ह्यूमन बॉडी के अंदर के टिशूज के बिहेवियर को कंट्रोल करने में मुख्य भूमिका निभाता है। असलियत में, हम एक बड़े से कंट्रोल पैनल के साथ डील कर रहे हैं, जिसमें जीन्स की एक्टिविटी को रेगुलेट करने के लाखों स्विचेस है। इनके बिना, हेरेडिटरी और जेनेटिक (अनुवांशिक) डिसऑर्डर्स और ऑटोइम्यून बीमारियां जन्म लेने लगेंगी।
क्रिएशन (सृष्टि) की इंटेलिजेंट डिजाइन वैज्ञानिकों के लिए बहस का बड़ा मुद्दा बन गई है, और एक नई तरह की दवा से संबंधित स्पष्ट सबूत सामने आ रहा है, जिसमें शब्दों और फ्रिकवेंसीज का इस्तेमाल करके बिना इंडिविजुअल जींस को काटे या रिप्लेस किए हमारे डीएनए को इनफ्लुएंस और री प्रोग्राम किया जा सकता है।
यह हमारे लिए समझना जरूरी है कि प्लैनेट एक्स के अनुनाकी निबीरुआंस ने गलत तरह से हमें 12 स्ट्रैंड्स के हमारे डीएनए से वंचित किया था, और इसी वजह से हमने अपनी मेटाफिजिकल ( आध्यात्मिक) और एक्स्ट्रा सेंसोरिअल ( अतिरिक्त संवेदनशीलता) शक्तियां खो दी थी, जो कि हमारे अंदरूनी सीक्रिट्री ग्लैंड्स (स्राव ग्रंथियों) जैसे कि पीनियल और पिट्यूटरी के डेवलपमेंट पर आधारित थी।
साथ ही, उन्होंने हमसे हमारे मूल्यों को भी छीना, और ईगो-मिअस्मस की विरासत छोड़ गए, जिसने हमें बंदी बनाकर रखा है। उन्हें पता है कि हमारे इमोशंस, एंजाइटीज और डर का किस तरह से फायदा उठाना है और इस मैनिपुलेशन का इस्तेमाल करके वे लोगों को कंट्रोल करते हैं, बिल्कुल उसी तरह जैसे कि इस वायरस से किया जा रहा है, जो जानलेवा है भी नहीं। बावजूद इसके, हमें उनके ऑर्डर्स मानने के लिए मजबूर किया जा रहा है, और कहा जाता है कि ये अपनी सेफ्टी के लिए ही है।
एल्सिओन प्लाइडिस द्वारा वीडियो
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